इंजीनीयरींग फैकल्टी और छात्रों को स्वच्छ वायु संबंधी आधुनिक टेक्नालजी की ट्रेनिंग देने के लिए क्लीन एयर कैटलिस्ट (सीएसी) ने 2 नवंबर को इंदौर के जीएस इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नालजी ऐंड साइंस (एसजीएसआईटीएस), इंदौर के साथ एक सहमति-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। सीएसी और एसजीएसआईटीएस के बीच हुए इस अहम् करार से इंदौर की वायु को स्वच्छ बनाने की दिशा में चल रहे प्रयासों को मजूबती मिलेगी। क्लीन एयर कैटलिस्ट स्वच्छ वायु संबंधी समाधानों के लिए काम कर रही संस्थाओं की एक ग्लोबल पार्टनरशिप है, जो इंदौर नगर निगम और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिल कर शहर की हवा को स्वच्छ बनाने की दिशा में काम कर रही है। एमओयू पर हस्ताक्षर करने के बाद एसजीएसआईटीएस के निदेशक डॉ. राकेश सक्सेना ने कहा कि इंजीनियरिंग अनुसंधान और प्रशिक्षण को लेकर सीएसी और एसजीएसआईटीएस के बीच कई क्षेत्रों मे समान हित हैं। दोनों के बीच आपसी सहयोग से फैकल्टी और छात्रों के कौशल और ज्ञान में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। सीएससी को ट्रेनिंग, कैंपस प्लेसमेंट और सेमिनार आदि के लिए एसजीएसआईटीएस अपनी लैब, सभागार और अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। सीएसी के कम्युनिकेशन ऑफिसर सुधीर गोरे ने बताया कि सीएसी का प्रमुख भागीदार वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टिट्यूट (डब्ल्यूआरआई) छात्रों को स्वच्छ हवा संबंधी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का मैदानी और व्यावहारिक प्रशिक्षण देगा। इसमें पर्यावरण इंजीनीयरिंग, सर्वेइंग के साथ ही ऑनसाइट सेंसर्स और मशीनरी की स्थापना और रखरखाव का प्रशिक्षण शामिल होगा। इस कार्यक्रम में क्लीन एयर कैटलिस्ट के विभिन्न भागीदारों के प्रतिनिधियों के रूप में डब्ल्यूआरआई की ओर से डॉ. दिलीप वाघेला, वाइटल स्ट्रेटेजीज़ के सौरभ पोरवाल और एन्वायर्नमेंट डिफेंस फंड (ईडीएफ) की मेघा दुबे विशेष रूप से शामिल हुए।
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